Ammu does not have a puppy. But she tells her friends that she does! Her puppy’s name is Shankar, she says. Shankar loves bananas, she says. She tells them so much about Shankar that her friends want to come home and meet him. Now what will Ammu do?
Story: Sowmya Rajendran
Illustrations: Kallol Majumder
Narration: Neha Gargava
Music: Arnab B.Chowdhury
Translation: Vikram Gakhar
Animation: BookBox
अम्मू का कुत्ता
लेखिका – सौम्या राजेंद्रन
अम्मू के पास कोई पालतू कुत्ता नहीं है। लेकिन उसने स्कूल में सबसे झूठ बोल दिया की, उसके घर में एक पालतू कुत्ता है। उसने वेणु से कहा, “कुत्ते का नाम शंकर है।” अब्दुल को बताया, “शंकर केले खाता है।” कुमारी से बोली, “शंकर का रंग काला है।” उण्णी से कहा, “शंकर मेरे साथ गेंद से खेलता है।”
यह सुनकर वेणु, अब्दुल, कुमारी और उण्णी ने अम्मू से कहा कि, वे शंकर को देखने उसके घर आएँगे। “तुम लोग नहीं आ सकते। अम्मू ने सिर हिला कर मना कर दिया। “क्यों?” उन्होंने पूछा। “क्योंकि शंकर भीड़ से घबराता है, अम्मू बोली।
“तो हम एक-एक करके उसके साथ खेल लेंगे, कुमारी ने कहा। “फिर भी यह नहीं हो सकता, अम्मू बोली। “क्यों?” उण्णी ने पूछा। “क्योंकि आज हम लोग बाहर जा रहे हैं, अम्मू ने कहा। “ठीक है हम कल आ जाएँगे, अब्दुल कुछ सोच कर बोला। “हम उसके लिए केले भी लेकर आएँगे, वेणु ने बताया। “और हम एक-एक करके उसके साथ खेलेंगे, कुमारी बोली। “ठीक है”, अम्मू बोली। इसके आगे उसके पास कहने के लिए कुछ नहीं था।
शाम को अम्मू ने अपने पिताजी से पूछा कि, क्या वे उसके लिए एक कुत्ते का पिल्ला ला सकते हैं? “देखेंगे,” पिताजी ने जवाब दिया। “मुझे जल्दी है, अम्मू ने कहा। पिताजी हँस पड़े। उस रात अम्मू ने खाना भी नहीं खाया। वह बीमार पड़ गई। वह अगले दिन के बारे में सोचना नहीं चाहती थी।
अगले दिन सुबह माँ ने कहा, “तुम बीमार लग रही हो।” माँ ने अम्मू के माथे पर हाथ रखा। उसे तो बुखार था! “तुम आज घर पर ही रहो, माँ ने कहा। तो अम्मू उस दिन स्कूल नहीं गई। वह दिन भर बिस्तर पर लेटी रही। पूरे दिन वह न तो हँसी, न किसी से बोली। खाने के नाम पर पूरे दिन में उसने बस एक ब्रेड का टुकड़ा खाया।
शाम को वेणु, अब्दुल, कुमारी और उण्णी उसके घर आए। “आज तुम स्कूल क्यों नहीं आई?” उण्णी ने पूछा। “बीमार हूँ।” अम्मू ने जवाब दिया। “हम शंकर से भी मिल लिए, अब्दुल बोला। “कहाँ?” अम्मू ने पूछा। “बाहर, बगीचे में”, कुमारी ने कहा। “वह हमारे साथ गेंद से नहीं खेलना चाहता,” अब्दुल ने बताया।
अम्मू तुरंत बिस्तर से उठकर बाहर दौड़ी। सचमुच बगीचे में एक कुत्ते का पिल्ला था। शंकर! लेकिन यह तो काले रंग का नहीं है, वेणु ने सवाल पूछा, “यह तो भूरा है।” “ओह,” अम्मू बोली। “वह तो मैंने ऐसे ही कह दिया था!”
“और यह तो लोगों की भीड़ से भी नहीं घबराता,” अब्दुल ने बताया। “ओह,” अम्मू बोली। “ये भी मैंने ऐसे ही कह दिया था!” “और उसे गेंद से खेलना पसंद नहीं है,” उण्णी ने कहा। “ओह,” अम्मू बोली। “वो तो में बस बातें बना रही थी!” “पर इसे केले बहुत पसंद हैं,” कुमारी ने कहा। “देखो मैंने कहा था न?” ख़ुशी से अम्मू मुस्कुराई।
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